राजनीति

उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट पर इस बार हो सकता है बड़ा उलटफेर |

उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट पर इस बार हो सकता है बड़ा उलटफेर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्त्ता तो नाराज हैं ही इस बात पर की इस सीट पर 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं क्या शीर्ष नेताओं को एक भी कार्यकर्त्ता नही मिलता है लोकल जो पार्टी हर बार बाहरी इलाके से प्रत्याशी लाकर धोप देती हैं कहने को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है भारतीय जनता पार्टी क्या उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट पर भाजपा कार्यकर्ताओं का अकाल पड़ गया है
2009 में मीरा कवेरिया
2014 में उदित राज यू,पी से
2019 में हंस राज पंजाब से
2024 में योगेन्द्र करोल बाग से क्या पार्टी ने इस सीट के कार्यकर्ता को बिना रीड का समझ लिया है जो हमेशा ही पैराशूट उम्मीदवार भेजा जाएगा |

वही दूसरी ओर इस सीट का आकलन करे तो यह क्षेत्र पुनर्वास कॉलोनियों का गढ़ है दिल्ली देहात का भी काफी हिस्सा आता है पूरी सीट पर बाल्मिकी समाज कि हिस्सेदारी अहम है इसलिए बाल्मिकी समाज अपनी दावेदारी अभी भी ठोक रहा है उम्मीदवार घोषित होने के बाद भी तर्क यह है कि दिल्ली के अंदर इस वक्त जीतने कि हालत में दो पार्टी है इसलिए बाल्मिकी समाज उस तरफ ही अपना रुख करता है जहा से बाल्मिकी उम्मीदवार जीतने कि कुछ अपनी क्षमता रखता है आंकड़े भी यही बया करते हैं | 2014 में आम आदमी पार्टी कि बाल्मिकी उम्मीदवार को( 5,29,058 ) और भारतीय जनता पार्टी के उदित राज को (6.29.860) वोट हासिल हुए थे जीत का अन्तर केवल एक लाख था जो मोदी लहर में बहुत कम था | वही 2019 में भारतीय जनता पार्टी के बाल्मिकी उम्मीदवार को ( 848663 ) वोट मिले थे जबकि आम आदमी पार्टी के गुगन सिंह को केवल ( 2.94.066 ) वोट मिले थे जबकि कांग्रेस ने 2014 में बाल्मिकी उम्मीदवार बनया था जब 1.57.068 ही हासिल किए थे और 2019 मे बाल्मीकि उम्मीदवार उतार कर 2.37.992 वोट हासिल किए बाल्मिकी समाज में इस बात पर भी रोष है की भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात का समय माँगने के बाद भी समय नहीं दिया गया जे,पी, नड्डा से मिलने गए थे लेकिन वहा से भी कुछ हल नहीं निकला इसलिए बाल्मिकी समाज और दलित और मुस्लिम समुदाय से समर्धन एक करने में लगा हुआ है और उसके बाद गांव देहात क्षेत्र से भी जुड़कर एक पंचायती उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी कर रहा है जिसकी घोषणा नॉमिनेशन की आखरी तारीख से पहले कि जायेगी

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