मुख्य अतिथि श्री अतनु चक्रवर्ती, एचडीएफसी बैंक के अध्यक्ष और सम्मानित अतिथि, महामहिम श्री क्लेमेंटे पेड्रो फ्रांसिस्को, जो भारत में अंगोला के राजदूत हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
और उन्होंने अपने हाथों से 3906 के स्नातकों को 2023 डिग्रियाँ प्रदान की।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुनील गलगोटिया ने अतिथियों, स्नातक छात्रों और उनके माता-पिता का स्वागत किया। उन्होंने स्नातक छात्रों को विश्व में शांति और सद्भाव लाने के लिए विश्वविद्यालय में प्राप्त मूल्य आधारित शिक्षा का उपयोग करने का कार्य सौंपा। उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा “विकसित भारत-सबका साथ और सबका विकास” की विकास गाथा का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि गलगोटिया विश्वविद्यालय में हम युवा पुरुषों और महिलाओं को उन दक्षताओं से लैस करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं जो कार्य प्रोफाइल और प्रथाओं को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। हम डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं जो शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए एक बल गुणक है। उन्होंने छात्रों को बधाई दी और शुभकामनाएं दीं कि वे अपनी और समाज की जिम्मेदारी लेते हुए अपना जीवन शुरू करें।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएम बाबू ने अतिथियों का स्वागत किया और वर्ष 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने विश्वविद्यालय में आयोजित प्रमुख कार्यक्रमों, शैक्षणिक कार्यक्रमों, छात्र प्रशिक्षण कार्यक्रमों, अनुसंधान और नवाचार उपलब्धियों, उद्योग-संस्थान संबंधों, उत्कृष्टता केंद्रों की शुरुआत, सामुदायिक संपर्क गतिविधियों और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में काम पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को हाल ही में क्यूएस रैंकिंग द्वारा उत्कृष्टता के लिए 5 स्टार का दर्जा दिया गया था और भारत में पेटेंट दाखिल करने में तीसरा स्थान दिया गया था।
एचडीएफसी बैंक के चेयरमैन अतनु चक्रवर्ती ने अपने दीक्षांत समारोह के संबोधन में गलगोटिया यूनिवर्सिटी को कम समय में रिसर्च, इनोवेशन और अध्यापन में महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए बधाई दी। उन्होंने उल्लेख किया कि आज स्नातकों की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उत्सव, प्रतिबिंब और रोमांचक रास्तों की प्रत्याशा का दिन है जो उनके लिए आगे हैं। उन्होंने न केवल उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों को स्वीकार किया, बल्कि कौशल, मूल्यों और अनुभवों से लैस नए प्रयासों को शुरू करने की उनकी तत्परता को भी स्वीकार किया। उन्होंने स्नातकों से आग्रह किया कि जब वे अपने जीवन के अगले अध्याय में प्रवेश कर रहे हैं, तो उन्हें सीखे गए सबक, की गई मित्रता और उन सपनों को याद रखना चाहिए जिन्होंने उनकी अब तक की यात्रा को गति दी है। उन्होंने छात्रों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने, आजीवन सीखने को अपनाने और अपने समुदायों और दुनिया में बड़े पैमाने पर सार्थक योगदान देने की कामना की।
भारत में अंगोला के राजदूत महामहिम श्री क्लेमेंटे पेड्रो फ्रांसिस्को ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रति गलगोटिया विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की और बैच 2023 के स्नातकों को भी बधाई दी। उन्होंने उनके आगे के जीवन में बड़ी सफलता की कामना की।
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने दीक्षांत समारोह के दौरान विद्यार्थी परिषद के निवर्तमान सदस्यों को सम्मानित किया। डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में सभी गतिविधियों में छात्र प्रमुख शक्ति हैं। प्रत्येक छात्र चुनौतियों पर काबू पाने और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में उल्लेखनीय दृढ़ संकल्प और लचीलापन प्रदर्शित करता है। जैसा कि हमारे छात्र नए रोमांच शुरू करते हैं और नई चुनौतियों को गले लगाते हैं, उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि सीखने की उनकी यात्रा खत्म नहीं हुई है। आजीवन सीखना व्यक्तिगत विकास और व्यावसायिक विकास की कुंजी है।
गलगोटिया यूनिवर्सिटी में ऑपरेशंस डायरेक्टर आराधना गलगोटिया ने स्नातकों को बधाई दी और उन्हें विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाने वाले जिज्ञासा, रचनात्मकता और नवाचार की भावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने उनसे सीखने, बढ़ने और बदलाव लाने के हर अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. अवधेश कुमार ने डिग्री प्रदान करने के लिए कुलाधिपति को कुल स्नातकों की संख्या प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि 3906 डिग्रियां उन लोगों को प्रदान की जा रही हैं, जिन्होंने अपना कोर्सवर्क पूरा कर लिया है और समय सीमा के भीतर परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. नितिन गौर ने शैक्षणिक जुलूस का नेतृत्व किया और उनके मार्गदर्शन में दीक्षांत समारोह सफल रहा। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि जब वे दुनिया में कदम रख रहे हैं, तो वे आत्मविश्वास, साहस और करुणा के साथ ऐसा कर सकते हैं। वे सीखते रहें, बढ़ते रहें, और जहां भी उनके रास्ते आगे बढ़ें, फर्क पड़ता रहे।
दीक्षांत समारोह को राष्ट्रगान के बाद माननीय कुलपति ने समापन घोषित किया।
भागवत प्रसाद शर्मा