उत्तर प्रदेश

प्राधिकरण के सीईओ को उद्योगों की समस्याओं से कराया अवगत

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण की ओर से मंगलवार को आयोजित उद्योग सहायक समिति की बैठक में एमएसएमई इंड्रस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने शहर की समस्याओं को जोरशोर से उठाया। प्राधिकरण बोर्ड में जन भागीदारी की मांग दोहराई गई। साथ ही, औद्योगिक सेक्टर-एक, तीन व पांच में पार्किंग के बढ़ते दुरुपयोग और अतिक्रमण का मुद्दा भी उठाया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल संस्था की नोएडा इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार राणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी अनवर और हरीश बघेल ने नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम (सीईओ) को संस्था की ओर से मांग पत्र एवं समस्याओं से संबंधित पत्र भी सौंपा।


सचिन राणा ने जिले के 25 हजार उद्योगों की समस्याओं को उठाने वाले एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन कार्यालय के लिए भूखंड या भवन आवंटित करने की मांग उठाई। सीईओ ने अधिनस्थ अधिकारियों को जगह तलाशने के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि नोएडा को पहचान दिलाने में उद्योगों की ही अहम भूमिका है। उद्यमी लगातार प्राधिकरण बोर्ड में जन भागीदारी की मांग उठा रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड में एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। संस्था की तरफ से मांग उठाई गई कि औद्योगिक सेक्टर-1, 3 व 5 की भूमिगत पार्किंग का दुरुपयोग हो रहा है। औद्योगिक सेक्टरों की सड़कें अब भी जाम से बेहाल हैं। संस्था का सुझाव है कि इन पार्किंगों का प्रयोग श्रमिकों के हित में किया जाए। पार्किंग के ऊपर श्रमिकों के लिए सस्ते खाने की कैंटीन आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उद्योगों के उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए डिस्प्ले सेंटर की सुविधा नहीं है। उत्पादों की टेस्टिंग के लिए नोएडा के उद्यमियों को बैंगलूरू, भोपाल जाना पड़ता है। मशीनरी व टूल्स लेने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। खाली पड़ी बॉटेनिकल गार्डन मल्टीलेवल पाकिँग में के एक हिस्से में ये सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

नोएडा में औद्योगिक भूखंडों का दुरुपयोग बढ़ रहा है। भूखंड आवंटन के दो साल के भीतर क्रियाशील प्रमाणपत्र की अनिवार्यता को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उद्योग लगाने के नाम पर भूखंडों का आवंटन कराकर उसे महंगे दाम पर बेचने वाले आवंटियों के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए। जनपद की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्थाओं में अभी और सुधार की जरूरत है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच पिछले काफी समय से तीन मेट्रो परियोजनाएं लंबित हैं। जिनमें नोएडा से ग्रेटर नोएडा, सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन तक नई मेट्रो लाइन और एक्वा लाइन को बोड़ाकी तक विस्तार देने की योजना पर जल्द काम शुरू किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि विकास परियोजनाओं में देरी का असर न केवल नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 25 हजार से ज्यादा उद्योगों बल्कि लाखों श्रमिकों पर पड़ रहा है। दादरी-सूरजपुर-छलैरा (डीएससी) मार्ग पर भंगेल एलिवेटेड रोड, चिल्ला एलिवेटेड रोडनोएडा को फरीदाबाद के रास्ते सोहना होते हुए गुरुग्राम से जोडने वाली एफएनजी परियोजना को जल्द पूरा किया जाए।

औद्योगिक सेक्टरों में पार्किंग शुल्क व्यवस्था का हम कड़ा विरोध करते हैं। पार्किंग शुल्क के नाम पर उद्यमियों और लाखों श्रमिकों की जेब पर बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। उद्यमी प्राधिकरण को लीज रेंट भी देते हैं। ऐसे में इकाई के आगे वाहन पार्किंग शुल्क वसूलने का अधिकार किसी को नहीं दिया जाना चाहिए। प्राधिकरण ने सेक्टर-122 में श्रमिकों के आवास की योजना भी बनाई थी, लेकिन इस योजना पर काम नहीं किया। औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए श्रमिकों के आवास की योजनाओं पर काम किया जाना जरूरी है। औद्योगिक भूखंडों पर कमर्शियल गतिविधियां संचालित की जा रही है। फैक्ट्रियों में रिटेल आउटलेट खोले जा रहे हैं जबकि औद्योगिक भूखंडों पर शोरूम चलाना बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन है। इसके दुरुपयोग को रोका जाना अति आवश्यक है। औद्योगिक भूखंडों का लैंड यूज चेंज किया जाना ही गलत है क्योंकि नोएडा शहर उद्योगों के लिए ही बसाया गया है

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